12 अक्टूबर को रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नगर पथ संचलन

नर्मदापुरम । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस अवसर पर आगामी 12 अक्टूबर रविवार को नर्मदापुरम नगर के मुख्य मार्गों पर हजारों स्वयंसेवक गणवेश में पथ संचलन करेंगे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखंड निराहार समर्थ सद्गुरु अवधूत सिद्ध महायोगी पूजनीय श्री दादा गुरु उपस्थित रहेंगे। विभाग प्रचार प्रमुख संतोष नौरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अवसर उत्सव का नहीं बल्कि आत्मचिंतन, समाज के प्रति आभार और राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करने का है। आने वाला वर्ष संघ कार्य के विस्तार, सुदृढ़ीकरण और गुणवत्ता पर केंद्रित रहेगा।
संघ की 100 वर्ष की इस यात्रा का उद्देश्य सदैव हिंदू समाज का पुनर्जागरण और संगठन रहा है। संघ ने अपनी शाखाओं और राष्ट्रव्यापी गतिविधियों के माध्यम से समाज में समरसता का भाव जगाने का कार्य किया है। अस्पृश्यता और अन्य सामाजिक दोषों को समाप्त करने के लिए संघ ने निरंतर कार्य किया है।
श्री नौरिया ने बताया कि शताब्दी वर्ष के अंतर्गत देशभर में वर्षभर आठ प्रमुख कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इसी क्रम में 2 से 12 अक्टूबर तक प्रत्येक नगर, मंडल और बस्ती में पथ संचलन निकाले जा रहे हैं। नर्मदापुरम में केशव बस्ती से विशाल पथ संचलन SNG स्टेडियम ग्राउंड से प्रारंभ होगा।
उन्होंने बताया कि प्रातः 8:30 बजे सभी स्वयंसेवक संघ की पूर्ण गणवेश में उपस्थित होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत अधिकारी आगमन, परिचय, अमृतवचन, एकल गीत, बौद्धिक, प्रार्थना एवं शस्त्र पूजन से होगी। तत्पश्चात घोष के साथ पथ संचलन प्रारंभ होगा, जो विवेकानंद घाट, मीनाक्षी चौक, NMV कॉलेज, सातरास्ता, जय स्तंभ, हलवाई चौक, तार अहाता, मेन बोर्ड स्कूल, सराफा चौक, मोर्चाली चौक, एकता चौक होते हुए पुनः SNG स्टेडियम पर संपन्न होगा।
पथ संचलन के दौरान नगर के विभिन्न मार्गों पर गणमान्य नागरिकों, समाजसेवी संस्थाओं और स्थानीय नागरिकों द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया जाएगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नागरिक बंधु, भगिनी और बच्चे कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे।
श्री नौरिया ने बताया कि इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए स्वयंसेवक घर-घर संपर्क कर रहे हैं। नगर में संघ शताब्दी पथ संचलन की तैयारियां जोरों पर हैं, और सभी स्वयंसेवकों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। यह पथ संचलन केवल संगठन की शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि समाज में एकता, अनुशासन और राष्ट्रनिष्ठा का सशक्त संदेश देगा।