शताब्दी वर्ष के निमित्त मंडल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निकालेगा बस्ती श पथ संचलन

नर्मदापुरम । मध्यभारत प्रान्त के नर्मदापुर विभाग कि रचनानुसार नर्मदापुरम जिले में 2 नगरों (इटारसी तथा नर्मदापुरम) कि 21 बस्तियाँ और 6 खंडों(केसला,डोलरिया, नर्मदापुर ग्रामीण,माखन नगर,सिवनी मालवा एवं शिवपुर) के अंतर्गत 65 मण्डलों में कार्य चलता है।
संयुक्त रूप से जिला प्रचार प्रमुख मनोज राय और सह जिला कार्यवाह योगेश पवार ने बताया कि केंद्र कि योजना से जिले में इस वर्ष प्रत्येक मण्डल एवं बस्ती में 2 से 12 अक्टूबर 2025 के मध्य 250+ संख्या के पथ संचलन के कार्यक्रम होंगे, हिन्दू समाज के प्रत्येक घर से स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में पथ संचलन सम्मलित हो इसके लिए संघ के कार्यकर्त्ता घर-घर सम्पर्क कर रहें हैं ।
जिला प्रचार जी ने बताया कि डॉ. हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना के समय कहा था, संघ कोई नया कार्य शुरू नहीं कर रहा है, बल्कि कई शताब्दियों से चले आ रहे काम को आगे बढ़ा रहा है। 2 अक्टूबर 2025 को संघ अपने 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है इसी के निमित्त संघ पूरे वर्ष सितंबर 2026 तक कार्यविस्तार और दृढ़ीकरण के लिए विजयादशमी के दिन से संघ शताब्दी के दौरान विशिष्ट गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
2 अक्टूबर 2025 से सितंबर 2026 तक चलने वाले कार्यक्रम इस प्रकार हैं –
1. पथ संचलन (2 से 12 अक्टूबर )मण्डल एवं बस्ती स्तर पर शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश (संघ गणवेश) में स्वयंसेवक पथ पथ संचलन में सम्मलित होंगे।
2. व्यापक गृह सम्पर्क अभियान (15 से 30 नवंबर 2025) नगर एवं खंड स्तर पर बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान की योजना बनाई गई है, जिसका विषय “हर गांव, हर बस्ती, घर-घर” होगा। संपर्क के दौरान संघ साहित्य वितरित किया जाएगा और स्थानीय इकाइयों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
3. हिन्दू सम्मेलन:-(20 दिसम्बर 25 से 20 जनवरी 2026) तक सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा।
4. प्रमुख जन गोष्ठी :- (1 से 15 फ़रवरी 2026) को खंड/नगर स्तर पर समाज के ऐसे लोग जो मार्गदर्शन देने का कार्य करते हैं।
5. सामाजिक सद्भाव बैठकें:- (1से 15 अप्रेल 2026) आयोजित की जाएंगी। ऐसे समाजों (जातियों) के मुखिया गण जिनकी समाज सुनता है, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा। इन बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक आधार और हिन्दू चरित्र को खोए बिना आधुनिक जीवन जीने का संदेश देना होगा। जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
6. अधिकतम स्थानों पर शाखा:- = स्वयंसेवकों द्वारा अधिकतम स्थानों पर 10 दिनों तक शाखाएं लगाई जाएंगी।
7. शालेय कार्य :-(15 अप्रेल से 15 मई 2026) कक्षा 7 वी से 11- 12 वी तक कि कक्षा के विद्यार्थियों के विशेष कार्य योजना रहेगी।
8. युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम प्रांत द्वारा आयोजित किए जाएंगे। 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे। स्थानीय इकाइयां आवश्यकता के अनुसार कार्यक्रमों की योजना बनाएंगी।
संघ की 100 वर्ष कि यात्रा हिन्दू समाज का पुनर्जागरण ही संघ का उद्देश्य रहा है। संघ का लक्ष्य हिन्दू समाज को संगठित करना है। अस्पृश्यता जैसे कई अंतर्निहित दोषों के कारण यह एक कठिन कार्य था। संघ अपनी शाखाओं और राष्ट्रव्यापी गतिविधियों के माध्यम से इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार काम कर रहा है, जो एक सामंजस्यपूर्ण समाज और राष्ट्र के लिए सभी को एक साथ लाता है।