एनीमिया की रोकथाम हेतु आयरन सुक्रोज की जगह एफसीएम इंजेक्शन
नर्मदापुरम। मातृ पोषण और गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं में एनीमिया के प्रबंधन के लिए इंटरवेनस आयरन पर सीएमएचओ डॉ नरसिंह गेहलोत के निर्देश पर डीएचओ डॉ सृजन सेंगर की देखरेख में नर्मदापुरम में प्राइमलैंड तथा सुखतवा में गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल से आई टीम द्वारा मेडिकल ऑफिसर, एएनएम और सीएचओ को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
नर्मदापुरम में डॉ पदमा भाटिया तथा सुखतवा में डॉ दुर्गेश शर्मा द्वारा प्रतिभागियों को बताया गया कि मातृ मृत्यु दर बढ़ने का प्रमुख कारण किशोरियों एवं महिलाओं में एनीमिया अर्थात आयरन की कमी है, बेहतर पोषण लेने से आयरन एनीमिया की कमी को दूर किया जा सकता है जिसके लिए एनीमिया मुक्त भारत अभियान जारी है।
चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि महिला जैसे ही गर्भावस्था का पंजीयन कराती है तब उसकी सभी जांचे विशेषकर वजन, हीमोग्लोबिन, बीएमआई की जांच पूरे प्रोटोकॉल के साथ करनी चाहिए एवं जिन महिला में एनीमिया के लक्षण पाए जाते हैं उनमें शुरू से ही एनीमिया दूर करने के प्रबंधन किए जाने की आवश्यकता है जिससे प्रदेश में होने वाली मातृ मृत्यु के साथ ही शिशु मृत्यु को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सृजन सेंगर ने बताया कि एनीमिया अथवा कम हीमोग्लोबिन वाली महिला को अभी आयरन सुक्रोज के इंजेक्शन लगाए जा रहे यह इंजेक्शन समयानुसार 5 बार दिए जाते हैं जिसमें लगभग 30 मिनिट का समय लगता था अब ऐसी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आयरन सुक्रोज की फैब्रिक कार्बोसी माल्टोस का इंजेक्शन दिया जाएगा जिसका मात्र एक सिंगल डोज ही रहेगा और जो सिर्फ 15 मिनिट में लग जायेगा। इसके साथ महिलाओं को चिकित्सक, एएनएम, डायटिशियन आशा कार्यकर्ता या सीएचओ द्वारा बताए पोषण आहार को लेने की सलाह अपनानी होगी।
