जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत सभी संबंधित विभाग अपेक्षित प्रगति लाए- कलेक्टर सुश्री सोनिया

नर्मदापुरम । बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित समय सीमा की बैठक के दौरान कलेक्टर सोनिया मीना ने जल गंगा संवर्धन अभियान, सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई एवं अन्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। समय सीमा की बैठक के दौरान कलेक्टर सोनिया मीना ने निर्देश दिए की जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत सभी संबंधित विभाग अपेक्षित प्रगति लाए। उन्होंने वर्तमान प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में अभियान के तहत जो भी कार्य किए गए हैं उनमें अभी और प्रगति किए जाने की गुंजाइश है। कलेक्टर ने सख्त रूप से निर्देश दिए की जिले की जल संरचनाओं का चिन्हांकन कर उनका जीर्णोद्धार तथा पारंपरिक जल स्रोतों के भूजल स्तर को पुनः सुदृढ़ करने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
औद्योगिक इकाइयों एवं अशासकीय भवनों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना को लेकर कलेक्टर ने भूमि स्वामियों को जागरूक एवं प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां भी यह सिस्टम स्थापित किया जा रहा है, वहां उसकी गुणवत्ता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायत सीईओ को निर्देशित किया कि राजस्व विभाग से समन्वय स्थापित कर तालाबों तथा ऐसी अन्य जल संरचना को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाना सुनिश्चित करें साथ ही जिन तालाबों या जल संरचनाओं पर अतिक्रमण व्याप्त है उन सभी अतिक्रमण को हटाया जाना भी सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत विभागीय गतिविधियों को बढ़ाया जाए।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने विभागवार सीएम हेल्पलाइन के तहत लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, जल संसाधन, कृषि विभाग को निर्देश दिए कि शिकायतों के निराकरण में तेजी लाए तथा ग्रेडिंग और रैंक भी सुधारे। कलेक्टर ने कहा की वर्तमान स्थिति संतोषजनक नहीं है इसलिए और अतिरिक्त प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
कलेक्टर ने समय सीमा बैठक के दौरान समाधान ऑनलाइन के अंतर्गत लंबित शिकायतों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त अनुविभागीय अधिकारियों (एसडीएम) एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि नामांतरण एवं खसरा अपडेट से संबंधित चिन्हित शिकायतों का निराकरण आगामी चार दिवसों में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित किया कि समाधान ऑनलाइन के तहत एफसी की गई शिकायतों का दोबारा परीक्षण कर लिया जाए। बैठक के दौरान कलेक्टर ने राजस्व विभाग के समाधान ऑनलाइन प्रदर्शन पर असंतोष व्यक्त किया और सभी राजस्व अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि चिन्हित शिकायतों के निराकरण में ठोस प्रगति लाना आवश्यक है।
समय सीमा की बैठक के दौरान कलेक्टर ने उपार्जन प्रक्रिया की सघन निगरानी और उसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से समस्त अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) एवं तहसीलदारों को आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि उपार्जन कार्य की सतत रूप से समीक्षा की जाए तथा जहां कहीं भी अनियमितताएं एवं गड़बड़ियां पाई जाती हैं, वहां त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि फार्मर रजिस्ट्री के तहत किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया में निरंतर प्रगति बनी रहनी चाहिए, जिससे किसानों को समय पर लाभ मिल सके।
बैठक में कलेक्टर ने सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को राजस्व टीम को सक्रिय बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व कार्यों में तत्परता अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने अतिक्रमण के विरुद्ध भी प्रति सप्ताह नियमित रूप से सख्त कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सोजान सिंह रावत, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती संपदा सराफ, सिटी मजिस्ट्रेट श्री बृजेन्द्र रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।