बिजली कंपनी के संभाग प्रभारी पर कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंचाने, किसानों के झूठे पंचनामा पर राशि वसूलने का आरोप, जांच की मांग
नर्मदापुरम। बिजली कंपनी के संभाग प्रभारी द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने और कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंचाने सहित किसानों से झूठे और गलत पंचनामा के आधार पर नोटिस जारी कर रुपए वसूलने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संभाग प्रभारी अवधेश त्रिपाठी द्वारा स्वयं के आर्थिक हित के लिए भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि श्री त्रिपाठी द्वारा फेल ट्रांसफर को बदलने स्टोर के लिए 63 के. व्ही.ए. तथा 100 के व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर को अवैध रूप से ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि में उपयोग किया गया है जिसमे बहुत से ओवीटी योजना के ट्रांसफार्मर भी शामिल हैं एवं इसके बदले में सम्बंधित किसानों से 40 हजार प्रति ट्रांसफार्मर लिए गये हैं। योजना के ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कोई प्रावधान नहीं है एवं न ही ट्रांसफार्मर विभागीय स्तर पर बदले जाने का कोई नियम है। श्री त्रिपाठी द्वारा पूर्व में बिना स्वीकृति के एवं सारे नियमों को दरकिनार कर क्षमता वृद्धि किये गये ट्रांसफार्मर को अब एस एस टी डी एवं दूसरी अन्य योजना में किसी भी लोकेशन के नाम से स्वीकृत किया जा रहा है। श्री त्रिपाठी द्वारा बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किये जाकर मोटी रकम की कमाई की गयी है।
किसानों को बताया जाता है अधिक बिल और फिर रुपए लेकर करते हैं कम
सूत्रों के अनुसार श्री त्रिपाठी द्वारा स्थानीय किसानों के विरुद्ध विद्युत चोरी के सम्बन्ध में झूठे पंचनामा तैयार किए जाकर पहले तो अधिक राशि के बिल के संबंध में किसान को बताया जाता है, फिर किसान से रूपए लेकर कम राशि का बिल बना कर बाकि रूपए खुद रख लिए जाते हैं। पंप कनेक्शन के आवेदन को चेक करने के नाम पर तथा विद्युत चोरी के नाम से डरा कर किसानों एवं ठेकेदारों से मोटी रकम कमाई गयी है।
ग्राम शिवपुर के किसान ने की थी शिकायत
श्री त्रिपाठी के विरुद्ध पूर्व में एक शिकायत इमरत दायमा ग्राम कजली शिवपुर (प्रकरण क्रमांक N539952) के प्रकरण में शिकायत हुई थी जिसमें महाप्रबंधक श्री भदौरिया द्वारा स्थानीय स्तर पर ही झूठी जांच करवा कर गलत रिपोर्ट दी गई, जबकि उस प्रकरण में श्री त्रिपाठी द्वारा शासन एवं कंपनी द्वारा जारी निर्देशों को दरकिनार करते हुए संभागीय कार्यालय में बैठकर विद्युत चोरी के पंचनामा बनाये गये । पंचनामा में संभागीय कार्यालय के मेज के फोटो अपलोड किये गये हैं। 8882 की बिलिंग की गयी है। यदि वास्तविकता में मार्च माह में कृषि उपयोग हेतु विद्युत् चोरी का प्रकरण दर्ज होता है तो नियमानुसार 4 माह हेतु बिलिंग जारी की जाती है। एक अन्य प्रकरण भगवती बाई प्रकरण क्रमांक N213016) भी हैं, इनके द्वारा झूठे आधारों पर विद्युत चोरी के केस बनाकर किसानों को ठेकेदारों को डराकर मोटी रकम वसूल की गयी है। महाप्रबंधक भदौरिया द्वारा उक्त प्रकरण में शिकायत होने पर स्थानीय स्तर पर की जांच करना कर झूठी रिपोर्ट की। बाह्य कर्मचारी मैदानी स्तर पर कंपनी कार्य के लिए पदस्थ है, उन्हें अपने घरेलू कामों के लिए, घर पर रखते है।
बाहर स्रोत कर्मचारियों को भी धमकी
सूत्रों ने बताया कि बाह्य स्रोत कर्मचारी जिन्हें बहुत ही अल्प वेतन मिलता कसे निकाले जाने की धमकी देकर उनसे भी रुपए वसूले गये हैं।श्री त्रिपाठी द्वारा उनके द्वारा किये गये।भ्रष्टाचार से भोपाल में इनका शानदार मकान भी है इसके अतिरिक्त इनके द्वारा से मंडीदीप, इटारसी स्थित फेक्ट्रियों में लगाया जा रहा है ।श्री भदौरिया एवं श्री त्रिपाठी के कारनामे के उजागर होने पर विगत माह स्थानीय जनप्रतिनिधि के अतिरित जिलाधिकारी द्वारा भी दोनों अधिकारियों को कार्यालय में बुलाकर चेतावनी जारी की गयी है। दोनों अधिकारियों के विरुद्ध सक्षम स्तर पर विभागीय ज करवाए जाकर उचित कार्यवाही की मांग की गई है।
इनका कहना है
किसी के बोलने से कुछ नहीं होता है। झूठे सच्चे प्रकरण के लिए कोर्ट है । ऐसे पंचनामा नहीं बनाए जाते । सभी काम ऑनलाइन है और तीन-चार साल से ऑनलाइन कार्य चल रहा है । यह आरोप झूठे हैं निराधार है।
