मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर 51 हजार दीपमालाओं से आलोकित हुआ मां नर्मदा का तट सेठानी घाट
नर्मदापुरम। देव प्रबोधिनी एकादशी के पावन दिवस पर जब संपूर्ण सृष्टि में देवता पुनः जाग्रत होते हैं, उसी शुभ घड़ी में श्रीराम पथ गमन के पावन मार्ग पर भक्ति, प्रकाश और संस्कृति का महा-संगम प्रस्फुटित हुआ। सेठानी घाट पर 51 हजार दीप प्रज्वलित किए गए इसी के साथ चित्रकूट से लेकर अमरकंटक तक 3 लाख 51 हजार 111 दीपों की ज्योति एक साथ प्रज्वलित हुई, तब यह केवल दीपों का उत्सव नहीं रहा, बल्कि वह क्षण हो गया जब चित्रकूट से अमरकंटक तक श्रीराम के चरणचिह्नों की स्मृति पुनः आलोकित हो उठी। श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास द्वारा आयोजित यह ‘दीपोत्सव पर्व-2025’ न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि हमारी सभ्यता, आस्था और संस्कृति की वह अखंड ज्योति है जो पीढ़ियों से पीढ़ियों तक हमारे भीतर ‘रामत्व’ को उजागर करती रहेगी। दर्शन मात्र से ही भक्तों के दुःख हर लेने वाली माँ नर्मदा के पावन तट पर न्यास द्वारा 51000 दीपमालाओं के प्रकाश से नर्मदापुरम् का यह तट जगमगा उठा। न्यास द्वारा यह आयोजन जिला प्रशासन नर्मदापुरम् के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मां नर्मदा की पूजन की गई जिसे वेदपाठी आचार्यों ने संपन्न करवाई करवाई। तत्पश्चात कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक नर्मदाष्टक का गान किया। साथ ही मां नर्मदा की महाआरती भी की गई।
नर्मदापुरम् की गोधुली बेला होते ही आम जनमानस और पर्यटकों की भीड़ एकत्रित होने लगी। हर किसी ने श्रृद्धाभाव से एकादशी के अवसर दीप प्रज्जवलित कर माँ नर्मदा और प्रभु श्रीरामचंद्र को अपनी भावाजंलि समर्पित की। जिला प्रशासन द्वारा घाट के दोनों ओर सुंदर प्रकाश व्यवस्था की गई थी, जिससे घाट जगमगा रहा था। घाटों की सुंदरता हर श्रद्धालुओं का मन मोह रही थी। दीप प्रज्जवलन के साथ ही घाट पर 7 पूजारियों द्वारा माँ नर्मदा की महाआरती की गई। महाआरती के लिए घाट को रंगोली से सजाया गया था। न्यास के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एन.पी. नामदेव ने बताया कि न्यास का मुख्य उद्देश्य प्रभु श्रीरामचंद्र जी के जीवन आदर्शों को जन-जन तक संप्रेषित करना है।
दीपोत्सव में भोपाल के दीप म्यूजिकल ग्रुंप ने भक्ति गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने माँ नर्मदा को प्रणाम करते हुए मेरी चौखट पे चलकर… गीत से प्रस्तुति का आरंभ किया। उनके मधुर वाणी से निकले राम नामी रूपी शब्द और भाव हर श्रोता के हृदय को भक्ति रस से भिगो रहे थे। भक्ति के इस क्रम को विस्तार देते हुए उन्होंने राम सिया राम जन्म जन्म का… गीत गाकर कार्यक्रम को विस्तार दिया। राम-सिया के भजनों से जैसे माँ रेवा भी आह्लादित हो रही थीं, कल-कल बहती धारा से मानों राम नाम की सुमधुर राग दिलों को छू रहीं थीं। रात को जैसे-जैसे कोहरा अपनी आगोश में ले रहा था, माँ रेवा के तट पर राम भजन हर श्रोता के कानों में आनंद, प्रेम और भक्ति का रस घोल रहे थे। इसके पश्चात ग्रुप के कलाकारों ने मंगल भवन अमंगल हारी…, राम धुन लागी…, नर्मदाअष्टकम्…, श्रीरामजानकी…, जनम-जनम की पूंजी पायी…, दुनिया चले ना… और मेरा आपकी कृपा से… मेरी झोपड़ी के भाग…, सजा दो घर को… जैसे भक्ति गीत पेश किए। उनके भजनों के बीच श्रोताओं ने सियावर रामचंद्र जी के नारों से नर्मदापुरम् के आकाश को गूंजायमान कर दिया। कलाकारों ने पायो जी मैंने…, नगरी हो आयोध्या सी…, रामा रामा रटते रटते…, तुम उठो सिया श्रृंगार करो…, मुझे अपनी शरण मैं लेलो राम…, राम जी की निकली सवारी… और राम जी की सेना चली… जैसे गीतों की प्रस्तुति देकर अपनी वाणी को विराम दिया।
सेठानी घाट पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, रूपेश राजपूत, सीईओ जिला पंचायत हिमांशु जैन, अपर कलेक्टर राजीव रंजन पांडे, ज्वाइंट कलेक्टर देवेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण एकता, संस्कृति और श्रद्धा के अनूठे संगम में उपस्थित रहे।

