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नर्मदापुरम बनेगा प्रदेश का आद्योगिक पॉवरहाउस ।

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नर्मदापुरम। मेक इन इंडिया के विजन को साकार करने के लिए केन्‍द्र सरकार द्वारा नर्मदापुरम जिले के औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई मे ‘ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग जोन फॉर पॉवर एवं रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट’ की सौगात जिले के साथ ही पूरे प्रदेश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा सकेगा। भारत सरकार की इस पहल से मध्यप्रदेश न केवल इस क्षेत्र में अग्रणी बनेगा, बल्कि निवेश और रोजगार सृजन के नए अवसर सृजित होंगे। जिसके तहत औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई मे म.प्र. विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा के उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र फेस-1 की स्‍थापना की गई है।

एमपीआईडीसी से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार राज्‍य शासन द्वारा फेस-1 में 22 इकाइयों को 514.50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इन इकाइयों से 17,750 करोड़ रूपये के निवेश और 21,777 लोगों के लिए रोजगार का सृजन प्रस्तावित है।

इसी प्रकार फेस-1 के अंतर्गत वर्तमान में 6 वृहद इकाइयाँ मेसर्स यू एनर्जी प्रा.लि., मेसर्स लेण्डसमिल रिन्यूएबल्स प्रा.लि., मेसर्स लेण्डसमिल ग्रीन एनर्जी प्रा.लि., मेसर्स लेण्डसमिल ग्रीन इंडस्ट्रीज प्रा.लि., मेसर्स इन्सोलेशन ग्रीन एनर्जी प्रा.लि., मेसर्स रेज ग्रीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग प्रा.लि. सहित दो एमएसएमई इकाइयाँ मेसर्स सनकोसा एनर्जी प्रा.लि. एवं मेसर्स एक्लेक्टिक डिज़ाइन अपने भूखण्डों पर तेजी से निर्माण कार्य कर रही हैं। अन्य निवेशक भी अपनी इकाई स्थापना संबंधी आवश्यक कार्यवाही कर रहे हैं।

औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई फेस-2 का विस्तार: 750 एकड़ में नया विनिर्माण क्षेत्र विकसित

नर्मदापुरम जिले के आद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई फेस-1 की सफलता को देखते हुए राज्य शासन ने 30 जुलाई 2025 को फेस-2 विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत 1034 एकड़ भूमि में से 750 एकड़ पर विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरणों का विनिर्माण क्षेत्र विस्तारित किया गया है। जिससे नर्मदपुरम जिला प्रदेश ही नहीं पूरे देश की उर्जा आवश्‍यकताओं को पूरा करनें में अपना सहयोग प्रदान करेगा।

मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा निवेशकों के लिये विशेष रियायतें कराई गई उपलब्‍ध:

फेस-2 में निवेशकों के लिए विशेष रियायतें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें प्रचलित भूमि मूल्य के केवल 25 प्रतिशत प्रीमियम पर भूखंड आवंटन, वास्तविक विकास शुल्क का 20 समान वार्षिक किश्तों में भुगतान, 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति और पानी की आपूर्ति 25 रूपये प्रति किलोलीटर की दर पर शामिल हैं। इस विस्तार से बड़े और छोटे दोनों स्तर के निवेशक आकर्षित होंगे, जिससे प्रदेश का औद्योगिक आधार और अधिक सशक्त होगा।

फेज-2 में 9 इकाइयों को 551 एकड़ भूमि आवंटित

फेस-2 में कुल 9 इकाइयों को 551 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इसमें 7 इकाइयाँ विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में और 2 इकाइयाँ औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई के अंतर्गत स्थापित होंगी। इन इकाइयों में कुल 39,210.55 करोड़ रूपये का निवेश और 14,777 लोगों के लिए रोजगार है। इसमें सात्विक सोलर इंडस्ट्रीज प्रा.लि. द्वारा 10,000 करोड़ रूपये के निवेश से 2,500 रोजगार और 185 एकड़ भूमि का उपयोग किया जा रहा है। मेसर्स ग्रू पीवी प्रा.लि. द्वारा 5,533 करोड़ रूपये का निवेश, 1,320 रोजगार और 65 एकड़ भूमि, मेसर्स कॉस्मिक पीवी पावर लि. द्वारा 4,000 करोड़ रूपये का निवेश, 1,000 रोजगार और 60 एकड़ भूमि, मेसर्स गौतम सोलर पावर प्रा.लि. द्वारा 4,000 करोड़ रूपये का निवेश, 4,000 रोजगार और 40 एकड़ भूमि, मेसर्स ग्रू एनर्जी प्रा.लि. द्वारा 3,997.85 करोड़ रूपये का निवेश, 1,657 रोजगार और 64 एकड़ भूमि, मेसर्स इंटीग्रेटेड बैटरिज इंडिया प्रा.लि. द्वारा 3,381 करोड़ रूपये का निवेश, 1,000 रोजगार और 40 एकड़ भूमि तथा मेसर्स हेथी (HETIH) ग्रीन एनर्जी प्रा.लि. द्वारा 3,298.7 करोड़ रूपये का निवेश, 2,050 रोजगार और 52 एकड़ भूमि शामिल हैं। वहीं औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई फेस-2 में मेसर्स ओरियाना पावर लि. द्वारा 4,500 करोड़ रूपये का निवेश, 1,000 रोजगार और 30 एकड़ भूमि, तथा मेसर्स एलेनबेरी इंडस्ट्रियल गैसेज लि. द्वारा 500 करोड़ रूपये का निवेश, 250 रोजगार और 15 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है।

मोहासा-बाबई औद्योगिक क्षेत्र के दोनों चरणों से प्रदेश विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। इन विनिर्माण क्षेत्रों से न केवल आवश्यक उपकरणों की आयात निर्भरता कम होगी, बल्कि प्रदेश को एक नई औद्योगिक पहचान भी मिलेगी। आद्योगिक विस्‍तार की इन उपलब्धियों से जिले को सकारात्‍मक परिणाम देख नें को मिल रहे हैं। राज्‍य शासन के सहयोग, कलेक्‍टर तथा जिला प्रशासन एवं एमपीआईडीसी के निरंतर प्रयासों से नर्मदापुरम जिला प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में आकार ले रहा है। उर्जा सेक्‍टर में निवेशकों का रुझान नर्मदापुरम जिले में औद्योगिक संसाधनों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता को स्‍पष्‍ट करता है।

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