जिले की 427 ग्राम पंचायतों में चलेगा वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान, हितग्राही होंगे जागरूक

मंगलवार को सांवलखेड़ा गांव में आयोजित हुआ कार्यक्रम, आमजनों को वित्तीय जानकारी दी गई।

नर्मदापुरम: भारत सरकार ने 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2025 तक एक राष्ट्रव्यापी वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में सभी पात्र नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के मकसद से जिले की 427 ग्राम पंचायतों में अभियान चलाया जाएगा। इसी के तहत मंगलवार को समीपस्थ ग्राम सांवलखेड़ा में कार्यक्रम आयोजित किया गया। अग्रणी बैंक सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख रजत मिश्रा ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया व कार्यक्रम की प्रस्तावना रखीं। वहीं इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आरबीआई की रीजनल डायरेक्टर रेखा चंदनवेली ने कहा कि राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत लोगों को वित्तीय समावेश, विकास और साक्षरता को लेकर जागरूक किया जा रहा है। वित्तीय समावेशन में वृद्धि, जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच, सामाजिक-आर्थिक समावेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही हितग्राहियों के ईकेवायसी की प्रक्रिया कितनी महत्तवपूर्ण है, इस विषय में जानकारी दी जा रही है। वहीं जिला पंचायत सीईओ एस एस रावत ने बताया कि अब तक जिले की 115 ग्राम पंचायतों में विशेष शिविर का आयोजन किया जा चुका है। अभियान के तहत प्रमुख सरकारी वित्तीय योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना की जानकारी को लेकर हितग्राहियों को जागरूक किया जाएगा। नए पीएमजेडीवाई खाते खोलना, पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई में नामांकन, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम,

डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के विषय में लोगों को ओटीपी साझा न करने, फिशिंग ईमेल्स, और फर्जी काल्स से सावधान किया जा रहा है।

यह अभियान भारत सरकार की वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं अग्रणी बैंक सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के जोनल हेड एसएलबीसी संयोजक धीरज गोयल ने कहा कि अभियान के तहत जिन हितग्राहियों के दस साल पहले बैंक खाते खुले हैं, लेकिन ई केवायसी नहीं होने की वजह से उन्हे योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, ऐसे लोगों को चिह्नित कर री- केवायसी कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। डीजीएम एसएलबीसी प्रमोद मिश्रा ने बताया कि बहुत से खातों में ग्राहक का नामांकन नहीं होता है, जिस वजह से उसकी मृत्यु के बाद पैसा रूक जाता है। इसलिए लोगों को खातों में नामांकन कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। वहीं जो खाते दस साल से अधिक समय होने के बाद रिजर्व बैंक में चले जाते हैं, उन लोगों को भ्रम रहता है कि हमारा पैसा डूब गया है, लेकिन हितग्राही बैंक शाखा में संपर्क कर आवश्यक दस्तावेजों को जमा कर अपना पैसा वापस ले सकता है। कार्यक्रम में जनपद सीईओ रंजीत तारम, आरबीआई एजीएम रश्मि हजेला, क्षेत्रीय प्रमुख सेंट्रल बैंक आफ इंडिया रजत मिश्रा, लीड बैंक मैनेजर आरडी वाघेला, रीजनल हेड यूनियन बैंक राजकुमार सेन, मप्र ग्रामीण बैंक के एजीएम संजीव गड़गिल, रीजनल हेड रिषभ गोयल ने आमजनों व किसानों को जागरूक करते हुए योजनाओं की जानकारी दी।

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