“नशामुक्त नर्मदापुरम, खुशहाल नर्मदापुरम” की थीम पर आयोजित हुआ जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यक्रम के दौरान नशे के दुष्परिणामों से युवाओं को किया गया जागरूक

नर्मदापुरम । 26 जून “अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस” के अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन शासकीय संभागीय आई.टी.आई के ऑडिटोरियम नर्मदापुरम में जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग नर्मदापुरम के द्वारा आयोजित किया गया। जिसका मुख्य उददेश्य मद्यपान, मादक पदार्थ एवं उनके द्रव्यों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों से युवा, छात्र-छात्राओं एवं आमजनों को अवगत कराकर उनमें जागरूकता पैदा करना था। कार्यक्रम के दौरान न्यायाधीश जिला न्यायालय नर्मदापुरम श्री विजय कुमार पाठक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सौजान सिंह रावत, और संयुक्‍त कलेक्टर एवं उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग नर्मदापुरम श्रीमती संपदा सराफ, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य श्रीमती श्वेता चौबे, विधायक सेवा प्राधिकरण से जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अभय सिंह, कैंसर अस्पताल नर्मदापुरम से डॉक्टर अतुल सेठा, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र कौरव, संकल्प से नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र से ऋषभ शास्त्री, ब्रम्हकुमारी से तुलसा दीदी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, सामाजिक संस्थाओं के सदस्य आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान न्यायाधीश श्री विजय पाठक ने अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए इसके इतिहास और उपयोगिता के संबंध में उपस्थित समस्त नागरिकों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नशे के आदि व्यक्ति को आर्थिक सामाजिक तथा मानसिक सभी प्रकार के दुष्परिणाम का सामना करना पड़ता है। नशा केवल लत नहीं है अपितु यह अपराधों को जन्म देने की प्रथम सीढ़ी है। राज्य स्तर पर भी नशे की रोकथाम के लिए अनेकों कदम उठाए जा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि ऐसे राज्य ऐसे समाज तथा ऐसे राष्ट्र का निर्माण करें जो की पूर्ण रूप से नशा मुक्त हो।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सौजान सिंह रावत ने बताया कि नशे की रोकथाम के लिए इससे प्रभावित हुए व्यक्तियों की आप बीती को सभी लोगों के सामने लाया जाना बहुत आवश्यक है जिससे कि सभी को इसके दुष्परिणाम के बारे में पता चले तथा मुख्य रूप से युवा वर्ग इस दिशा में जाने से अपने कदमों को रोके। उन्होंने बताया कि नशे से बचने का केवल एक ही तरीका है वह आत्म संयम ही है। केवल हमारा खुद के ऊपर संयम ही हमें इस दलदल में फंसने से रोक सकता है। इसके लिए महत्वपूर्ण है कि हम हमारे दैनिक दिनचर्या को सुव्यवस्थित रखें। नशा एक सामाजिक बुराई है यह केवल लत नहीं एक प्रकार की बीमारी है तथा हम सभी की सामूहिक रूप से जिम्मेदारी बनती है कि इसे खत्म करने में सभी अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस संबंध में हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हमें यह संदेश हर घर तथा हर युवा तक पहुंचना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे के आदि लोगों को इस दलदल से निकालने के लिए उनके साथ सहानुभूति पूर्वक व्यवहार बहुत ही आवश्यक है साथ ही उनको नैतिक समर्थन प्रदान कर ही इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। इस दौरान श्री रावत ने बोला कि बच्चों एवं युवाओं को सोशल मीडिया पर उपयोगी एवं चयनात्मक सामग्री ही उपलब्ध कराई जाना चाहिए जिससे कि उनका मानसिक एवं बौद्धिक विकास सही दिशा में हो। बच्चों के अभिभावकों के साथ-साथ यह हम सबकी सामूहिक जवाबदारी है कि उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करें।

कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय देते हुए संयुक्त कलेक्टर श्रीमती संपदा सराफ ने बताया कि नशे की समस्या भारत ही नहीं समूचे विश्व के लिए चिंता का विषय है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि युवा आने वाला कल है तथा अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर युवाओं की सकारात्मक भागीदारी को इस अभियान की सफलता की कुंजी बताया।

कार्यक्रम के दौरान संकल्प सह नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र से उपस्थित हुए श्री सर्वेश निगम द्वारा बताया गया कि किस प्रकार उन्होंने अपनी नशे की लत के कारण अपना जीवन खराब कर लिया लेकिन पुनर्वास केंद्र से मिले मार्गदर्शन से नशा त्यागने के बाद अपने जीवन में आए सकारात्मक बदलावों से भी उन्होंने सभी को अवगत कराया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी नागरिकों ने नर्मदापुरम जिले को नशा मुक्त करने के उद्देश्य से शपथ भी ली।  कार्यक्रम का संचालन श्रीमती निहारिका ने किया।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *