कमिश्नर एवं कलेक्टर ने कृषि उपज मंडी का किया निरीक्षण
पिपरिया। संभाग कमिश्नर कृष्ण गोपाल तिवारी एवं कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना सोमवार को कृषि उपज मंडी पहुंचे। यहां उन्होंने भावांतर योजना के अंतर्गत खरीदी जा रही सोयाबीन फसल की स्थिति की जानकारी ली। किसानों से भावांतर योजना से मिलने वाले लाभ के संबंध में आमने-सामने चर्चा की। कमिश्नर ने कृषि उपज मंडी में सोयाबीन की फसल बेचने आए किसानों से चर्चा की। इस दौरान भावांतर योजना के तहत मिल रही अंतर की राशि पर सभी किसानों से फीडबैक भी लिया। इस दौरान किसानों ने भावांतर योजना के तहत नगद भुगतान की मांग की तथा कहां की डीएपी मिलने में दिक्कत हो रही है। कमिश्नर ने किसानों को समझाइश दी कि वह डीएपी की जगह उसका विकल एनपी के का उपयोग अपने खेतों में करें। कलेक्टर एवं कमिश्नर ने अधिकतम एवं न्यूनतम बोली वाले सोयाबीन का अवलोकन किया एवं उन किसानों से चर्चा की। कमिश्नर ने किसान घनश्याम यादव से चर्चा की। घनश्याम यादव अपनी सोयाबीन बेचने मंडी पहुंचे थे। उनकी सोयाबीन अधिकतम 4322 रुपए प्रति क्विंटल पर बिकी। कमिश्नर ने उनसे भावांतर के संबंध में चर्चा की । श्री यादव ने बताया कि उन्हें उम्मीद है की भावांतर की राशि 1100 उन्हें प्राप्त होगी। कमिश्नर ने उनके सोयाबीन की सराहना करते हुए उपस्थित सभी किसानों से कहा कि वह घर से ही साफ और स्वच्छ सोयाबीन मंडी में लेकर आए इससे उन्हें भी अधिकतम बोली प्राप्त होगी। वही कमिश्नर ने न्यूनतम बोली वाले किसान लखन लाल से भी चर्चा की जिनकी सोयाबीन की बोली 3750 रुपए प्रति क्विंटल लगाई गई थी। कमिश्नर ने भैरम पुर खेडी के किसान श्री संजय रघुवंशी से भी चर्चा की। जिनकी सोयाबीन की बोली 4299 प्रति क्विंटल लगाई गई थी। सभी किसानों ने भावांतर योजना की सराहना करते हुए कहा कि न्यूनतम रेट पर बोली लगाई जाने पर भी उन्हें भावांतर से अंतर और मॉडल रेट से अंतर की राशि प्राप्त हो जाएगी।
मौके पर मौजूद मंडी सचिव ने बताया कि इस वर्ष अत्यधिक बारिश से सोयाबीन की फसल में नुकसान पहुंचा है। सोयाबीन में नमी बनी हुई है, नमी के चलते किसानों को अक्सर सोयाबीन का बेहतर मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को पूर्व में भी समझाइश दी थी कि वह सोयाबीन को सांफ और स्वच्छ करके लाए ताकि उनकी उपज के भी अच्छे रेट मिल सके। मंडी में मौजूद कुछ किसानों ने कमिश्नर से मांग की कि उन्हें डीएपी नहीं मिल पा रहा है और इस कारण से उन्होंने नगद में खाद उपलब्ध कराने की मांग की। डीएपी खाद वितरण में आ रही समस्याओं से सभी किसानों ने कमिश्नर एवं कलेक्टर को अवगत कराया।
कमिश्नर ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए की वो किसानों को खाद का वितरण समय पर उपलब्ध कराए। उन्होंने मंडी सचिव को निर्देश दिए कि वह किसानों के लिए मंडी में सभी मूलभूत आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराए।
कमिश्नर ने मंडी निरीक्षण के दौरान खाद और उर्वरक वितरण की स्थिति का अवलोकन किया। किसानों से जानकारी प्राप्त की। किसानों से प्राप्त जानकारी के आधार पर किसानों को समझाइश दी की एनपीके का उपयोग करें। कमिश्नर ने कहां की एनपीके भी डीएपी की तरह ही बेहतरीन खाद है। उसका उपयोग करने की आदत सभी किसान डालें।
निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु जैन, एसडीएम पिपरिया आकीप खान, उपसंचालक कृषि जे आर हेडाऊ, डीएमओ मार्कफेड देवेंद्र यादव, डीआरसी एस शिवम मिश्रा, मंडी सचिव चंद्र शिवराम उइके, तहसीलदार वैभव बैरागी सहित संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।
