कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने सिवनी मालवा में कृषि उपज मंडी एवं खाद वितरण केंद्र का किया निरीक्षण
सिवनी मालवा । कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने कृषि उपज मंडी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने भावांतर योजना के तहत किसानों से खरीदी जा रही सोयाबीन फसल की खरीदी प्रक्रिया का जायजा लिया। कलेक्टर मंडी प्रांगण में अपनी उपज विक्रय करने आए किसानों के लिए की गई व्यवस्था का अवलोकन किया साथ ही भावांतर योजना के तहत की जा रही खरीदी कैमरे की निगरानी में हो यह भी सुनिश्चित किया। कलेक्टर ने स्वयं पंजीयन कक्ष में बैठकर योजना के तहत सोयाबीन फसल का विक्रय करने के लिए आए किसानों के पंजीयन की स्थिति देखी और कुल विक्रय हुई फ़सल की जानकारी का भी परीक्षण किया। कलेक्टर ने मंडी में विक्रय की गई न्यूनतम राशि के फसल के सैंपल का भी अवलोकन किया। इस दौरान कलेक्टर ने मंडी में अपनी उपज लेकर आए किसानों एवं व्यापारियों से भी चर्चा की। व्यापारियों द्वारा बताया गया कि मंडी में सोयाबीन की मिली जुली फसल देखने को मिल रही है। मंडी सचिव द्वारा जानकारी दी गई की विभिन्न मौकों पर फसल में नमी एवं साफ़ सुथरी फसल ना होने के कारण किसानों को उपज का बेहतर मूल्य नहीं मिल पाता है इसलिए किसानों से निरंतर साफ़ सुथरी एवं नमी रहित उपज ही विक्रय के लिए लाने की अपील की जा रही है। निरीक्षण के दौरान कुछ किसानों की फसलों की नीलामी कलेक्टर के समक्ष संपन्न हुई जिसमें कृषक श्री मंगल साहू ग्राम झकलाय द्वारा 15 क्विंटल सोयाबीन 4275 रुपए प्रति क्विंटल के मान से बेची। इसी प्रकार कृषक श्री भैयालाल लौवंशी ने 15 क्विंटल सोयाबीन 3926 रुपए प्रति क्विंटल के मान से, एवं कृषक माखन लाल लौवंशी ने 4199 रूपये प्रति क्विंटल की दर से 20 क्विंटल सोयाबीन भावांतर योजना के तहत कृषि उपज मंडी में बेचा। किसानों द्वारा कलेक्टर को बताया गया कि योजना के तहत फसल का बेहतर औसत मूल्य प्राप्त हो रहा है तथा विक्रय मूल्य और समर्थन मूल्य के अंतर की राशि भी उनके खाते में अंतरित की जायेगी। कलेक्टर सुश्री मीना द्वारा मंडी सचिव को निर्देशित किया गया कि किसानों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुचारू रहे तथा उपज विक्रय में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही कलेक्टर ने यह निर्देश भी दिए की भावांतर योजना का प्रभावी क्रियान्वयन भी किया जाए।
मंडी निरीक्षण के पश्चात कलेक्टर ने मंडी में स्थित खाद वितरण केंद्र पहुंच कर खाद एवं उर्वरक वितरण की स्थिति की समीक्षा की। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान उपस्थित किसानों से अपील की की सभी किसान डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों जैसे एनपीके/एसएसपी आदि खाद विकल्पों का उपयोग करें जिनकी उर्वरक क्षमता डीएपी के समान ही प्रभावी होती है। उन्होंने गोदाम प्रभारी को निर्देश दिए कि किसानों को डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों के लिए आवश्यक रूप से जागरूक करें। टोकन वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता ना हो यह भी सुनिश्चित किया जाए। जिन स्थानों पर खाद की उपलब्धता में अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो उन स्थानों पर सहकारिता विभाग के साथ समन्वय कर व्यवस्थित कार्य योजना तैयार करें और खाद की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने सेवा सहकारी समिति बानापुरा का भी निरीक्षण किया, जहाँ से ग्राम चतरखेड़ा, दमाडिया एवं तोराडिया में खाद की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने पीडीएस के तहत उपलब्ध खाद्यान्न का निरीक्षण कर स्टॉक रजिस्टर की जांच की और समिति स्तर पर प्राप्त आवंटन एवं वितरण के आंकड़ों में एकरूपता लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर सुश्री मीना ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को एनपीके जैसे वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के लिए निरंतर रूप से जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग, बैंक या समितियों की लापरवाही के कारण किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने आरओ निर्माण में हो रही देरी और अनियमितताओं पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों का गंभीरता से निर्वहन करें। कलेक्टर ने डीएमओ (मार्कफेड) को उर्वरक आवंटन, उपलब्धता और आरओ जारी होने में हुई देरी की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान एसडीम विजय राय, उपसंचालक कृषि जे आर हेडाऊ, डीएमओ मार्कफेड देवेंद्र यादव सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
