मां नर्मदा एवं तवा के संगम तट बांद्राभान पर प्रारंभ हुआ बांद्राभान मेला, लाखों की संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु ।
नर्मदापुरम। मां नर्मदा एवं तवा के संगम तट बांद्राभान में सोमवार 03 नवंबर से तीन दिवसीय बांद्राभान मेले का शुभारांभ हुआ। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक नर्मदापुरम डॉ सीतासरन शर्मा, लोकसभा सांसद दर्शन सिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह, कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा एस थोटा, मध्य प्रदेश तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा, सीईओ मेला प्राधिकरण राजेश श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत हिमांशु जैन, नगर पालिका नर्मदापुरम की अध्यक्ष श्रीमती नीतू यादव, नगर पालिका इटारसी के अध्यक्ष पंकज चौरे, जनपद अध्यक्ष भूपेंद्र चौकसे, प्रीति शुक्ला, महेंद्र यादव, आशुतोष तिवारी, मोहन गुबरेले सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने विधिवत पूजा अर्चना कर मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर एसडीएम नर्मदापुरम जय सोलंकी, एसडीओपी जितेंद्र पाठक, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड विनोद ओशो गौतम, जनपद सीईओ रंजीत तराम, प्लाटून कमांडर अमृता दीक्षित सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहें।
कलेक्टर सुश्री मीना एवं पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा एस थोटा ने अधिकारियों के साथ मोटरबोट के माध्यम से नदी मार्ग द्वारा मेला क्षेत्र पर व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया एवं मेले के सफल आयोजन के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला सुप्रसिद्ध बांद्राभान मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए जिला नर्मदापुरम प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है।
जनपद सीईओ नर्मदापुरम रंजीत तराम ने बताया कि तीन दिवस तक आयोजित होनें वाला मेला 06 नवंबर तक चलेगा। मेले में नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, सीहोर, भोपाल, राजगढ एवं अन्य जिलो से आने वाले यात्रियों व श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान में रखते हुये मेला स्थल के पहुंच मार्गों को दुरूस्त किया गया है। मेले के लिए मुख्य घाट सहित अन्य प्रमुख स्नान घाटों तक के रेतीले क्षेत्र में आवागमन सुलभ बनाया गया है। मेला स्थल पर नदी में गहरे पानी में जाने से लोगो को रोकने के लिए बैरीकेडिंग की गई है। शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उचित यातायात प्रबंधन तथा जाम से निजात पाने के लिये अलग-अलग स्थानों पर पार्किंग बनाई गई है, जिससे मार्ग पर कोई अवरोध उत्पन्न ना हो एवं वाहनों की आवा जाही सतत रूप से जारी रहे। उन्होंने बताया कि स्नान के दौरान गहरे पानी में श्रद्धालुओं को डूबने से बचाने व अन्य किसी प्रकार की आपात स्थिति से बचाव के लिए कुशल तैराकों, गोताखोरों एवं नदी में पेट्रोलिंग हेतु मोटर बोट, लाईफ जैकिट, वायरलैस सैट, वॉकी-टॉकी, सर्च लाईट वॉच टावर इत्यादी की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा खोया-पाया केन्द्र, स्वास्थ विभाग का अमला एंबुलेंस तथा प्राथमिक उपचार के लिए दवाओं के साथ मेला स्थल पर तैनात है।
अस्थाई शौचालय, चलित शौचालय, अस्थाई चेंजिंग बूथ भी मेला स्थल पर हैं। मेले में शांति एवं कानून व्यवस्था, भीड एवं ट्रैफिक नियंत्रण तथा हर प्रकार की अप्रत्याशित परिस्थति से निपटने के लिए पुलिस बल पूरी तरह मुस्तेद रहेगा। मेले में आने वाले यात्रियों के खाने-पीने, चाय-नाश्ते तथा रोजाना की जरूरतों के हिसाब से दूरस्थ क्षेत्रों से आये दुकानदारों ने दुकाने भी स्थापित की है। मनोरंजन व धार्मिक वातावरण हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम भी निरंतर संचालित रहेगें। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक मेले की सफलता सुनिश्चित करने के लिये कलेक्टर सुश्री सोनीया मीना के मार्गदर्शन में समस्त इंतजाम पुख्ता व व्यवस्थित किए गये है।
