स्व-सहायता समूह से मिली नई राह, श्रीमती अंगूरी अहिरवार बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

नर्मदापुरम । ग्राम भटगांव की रहने वाली अंगूरी अहिरवार आज ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। एक समय था जब उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, लेकिन आज वे न केवल आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी सशक्त बनाने का कार्य कर रही हैं।

श्रीमती अंगूरी अहिरवारका जीवन बदलने की शुरुआत 18 फरवरी 2019 को हुई, जब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम में महिला समूहों के गठन का कार्य किया गया। अंगूरी अहिरवार ने साईराम स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपने जीवन को नई दिशा दी।

समूह से जुड़ने के बाद दीदी को आजीविका गतिविधियों की जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने ग्राम में ही एक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) शुरू किया, जिससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ी बल्कि ग्रामवासियों को भी ऑनलाईन सेवाओं का लाभ मिलने लगा। अब वृद्धजनों को पेंशन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता, बैंकिंग कार्य भी ग्राम में ही संभव हो गए हैं।

इतना ही नहीं, अंगूरी अहिरवार ने मछली पालन की गतिविधि भी शुरू की जिससे उनकी आय में और वृद्धि हुई। विभिन्न संस्थाओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर उन्होंने इस क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया।

वर्तमान में अंगूरी अहिरवार की मासिक आय लगभग ₹13,000 तक पहुंच गई है – जिसमें CSC सेंटर से ₹5,000 एवं मछली पालन से 8 हजार रुपए की आय शामिल है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के अंतर्गत उन्हें 1250 रुपए मासिक सम्मान राशि भी प्राप्त हो रही है।

श्रीमती अंगूरी अहिरवार बताती है कि उन्होंने अपने समूह और परिवार के सहयोग से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफल रही हैं। अब वे अन्य महिलाओं को भी स्व-सहायता समूहों में शामिल होने के लिए प्रेरित करती हूं।”

आज श्रीमती अंगूरी न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी सशक्त हुई हैं। वे समूह और ग्राम संगठन की बैठकों में सक्रिय भूमिका निभाकर महिलाओं को विभिन्न सामाजिक विषयों पर जागरूक करने का कार्य कर रही हैं।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं साईराम स्व-सहायता समूह के सहयोग से अंगूरी अहिरवार ने जो सफलता प्राप्त की है, वह निश्चित ही अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए एक प्रेरक उदाहरण है।

 

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