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शराब माफिया की सांसें अटक गईं

शराब माफिया की सांसें अटक गईं – आबकारी विभाग के ऑपरेशन ‘क्लीन’ ने पिपरिया को हिला डाला

सत्ता से लेकर सड़क तक हड़कंप – अनूपपुर में आबकारी का सबसे बड़ा वार, माफिया के अड्डे तबाह

 

अनूपपुर – जिले में शराब माफिया ठेकेदार वीरेंद्र राय का आतंक लंबे समय से ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ था। जिले के लगभग हर कोने में अवैध पैकारी के माध्यम से शराब की बिक्री का धंधा धड़ल्ले से चल रहा था। गांव-गांव, चौक-चौराहों और मेन रोड पर इस कदर ठिकाने बने कि वे वैध दुकान की तरह सुबह से शाम तक खुलेआम शराब बेचते नज़र आते थे। एमआरपी से भी कम दाम पर शराब देकर युवाओं को लत लगाना इस नेटवर्क की प्रमुख रणनीति थी, जिससे युवा पीढ़ी नशे के गिरफ्त में आती जा रही थी।

 

इसी कड़ी में 28 सितंबर 2025 की शाम लगभग 6 बजे आबकारी विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया। अनूपपुर मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूर ग्राम पिपरिया में किराए के शटर वाली दुकान पर ऐसा छापा मारा कि पूरे माफिया नेटवर्क की जड़ें हिल गईं। यह ठिकाना पिछले एक माह से पूरी तरह सक्रिय था और वहां तरह-तरह की अंग्रेज़ी, देसी शराब और बियर केन का जखीरा रखा गया था। ग्रामीणों ने जब लगातार शिकायतें दर्ज कराईं, तब जाकर आबकारी विभाग हरकत में आया और इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

 

छापेमारी के दौरान सहायक जिला आबकारी अधिकारी, उप निरीक्षक और आरक्षकगण मौजूद रहे। ग्रामीणों की उपस्थिति में ही पंचनामा तैयार किया गया। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में अंग्रेज़ी शराब, देसी शराब और बियर की बोतलें व केन जब्त की गईं। मौके पर मौजूद सेल्समैन को भी हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई केवल शराब जब्ती तक सीमित नहीं बल्कि प्रशासन को यह दिखाने वाला बड़ा संदेश भी है कि अब माफिया को बख्शा नहीं जाएगा।

 

सूत्रों के मुताबिक वीरेंद्र राय का नेटवर्क केवल पिपरिया तक सीमित नहीं है। अनूपपुर से लगभग 10 किलोमीटर दूर सकरा तिराहा में भी अवैध दुकान खोलकर शराब की बिक्री किए जाने की सूचना है। वहां भी इसी तरह की गतिविधियां चल रही हैं। यह पूरा मामला प्रशासन की सुस्ती और माफिया के बढ़ते हौसले को उजागर करता है। यदि जिले की युवा पीढ़ी को नशे के इस दलदल से बचाना है तो केवल एक छापे से नहीं, बल्कि लगातार और बड़े पैमाने पर कार्रवाई करनी होगी।

 

यह मामला जिला प्रशासन के लिए चेतावनी है कि अब आंख मूंदकर बैठने का समय नहीं है। जिले के हर गांव और हर गली में चल रहे ऐसे अवैध अड्डों को चिन्हित कर न केवल कार्रवाई की जाए बल्कि इनके पीछे मौजूद रसूखदार लोगों को भी बेनकाब किया जाए। प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग यदि मिलकर अभियान चलाएं तो जिले को शराब माफिया के चंगुल से मुक्त कराया जा सकता है।

“भट्टी की आग में न जलाओ जवानी,

तोड़ो ये जाल, बचाओ कहानी।

उठो अब जनता, दिखाओ दम-खम,

मिटेगा नशा, गूंजेगा हर गली-मोहल्ला हम।”

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