सड़कों पर गौवंश बैठने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने कलेक्टर ने दिए कड़े निर्देश पशुपालक एवं ग्रामीण जनों को जागरूक कर किया जाएगा जनहानि व पशुहानि से बचाव

नर्मदापुरम । सड़कों पर गौवंश के बैठे रहने से वाहन दुर्घटनाओं की संभावनाओं एवं गौवंश की मृत्यु को रोके जाने के संबंध में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ, नगर पालिका निगम, समस्त एसडीएम, एनएचएआई, एमपीआरडीसी, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, सभी जनपद पंचायत सीईओ एवं नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पशुपालक एवं ग्रामीण जनों को जागरूक करें कि वे अपने गौवंश को सड़कों पर न बैठने दें।
कलेक्टर ने कहा कि पशुपालकों एवं प्रशासन के समन्वित प्रयास से जनहानि के साथ-साथ पशुहानि को भी प्रभावी रूप से रोका जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जो पशुपालक गौवंश को सड़कों पर विचरण के लिए छोड़ देते हैं, उनके विरुद्ध नियमानुसार जुर्माना एवं वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने निर्देश दिये कि मुख्य मार्गों के समीप स्थित ग्राम पंचायतों द्वारा अस्थाई चौकीदारों की व्यवस्था की जाए ताकि निराश्रित पशुओं को सड़क पर बैठने से रोका जा सके एवं समीपस्थ गौशालाओं अथवा अस्थाई आश्रय स्थलों में उन्हें भेजा जा सके। कलेक्टर ने पशुपालन विभाग को भी गौवंश में रोगों की रोकथाम हेतु टीकाकरण कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी गौशालाओं को सक्रिय रखा जाए तथा उनमें चारे-पानी की समुचित व्यवस्था हो। राजमार्गों एवं सड़कों पर बैठने वाले गौवंश को टोल संचालक अथवा स्थानीय निकायों द्वारा पशुवाहन या हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल अथवा अन्य उचित वाहनों से निकटतम गौशाला तक पहुँचाया जाए।
इसके साथ ही राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को सतत रूप से अवगत कराया जाए। दुर्घटनाओं की संभावना को कम करने के लिए गौवंश के गले में रेडियम युक्त रिफ्लेक्टिव टेप लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। कलेक्टर ने संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायकों को भी इस कार्य में सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं एवं कहा कि उपरोक्त कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन दिवस के भीतर जिला कार्यालय को प्रेषित किया जाए।