रिवर व्यू कॉलोनी में अध्यक्ष पद को लेकर विवाद

रिवर व्यू कॉलोनी में अध्यक्ष पद को लेकर विवाद, व्हाट्सएप पर वोटिंग कर चुन लिया स्वयंभू प्रेसिडेंट

कॉलोनी वासी ने संतोष शर्मा को बनाया अध्यक्ष

कर्मचारियों की मनमानी से लोग परेशान

नर्मदा पुरम।

शहर की रिवर व्यू कॉलोनी में अब अध्यक्ष पद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कॉलोनी के निवासियों ने सर्वसम्मति से सेवानिवृत्त अधिकारी संतोष शर्मा को अध्यक्ष बनाया है। लेकिन कॉलोनी के कुछ कर्मचारी और ठेकेदार के कर्मचारी इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने व्हाट्सएप पर वोटिंग कराकर एक स्वयंभू अध्यक्ष का चयन किया है, जो नियमों के विरुद्ध है। कॉलोनी के निवासी संतोष शर्मा को अध्यक्ष मानते हैं और स्वयंभू अध्यक्ष को मान्यता नहीं देते। ठेकेदार ने कॉलोनी का प्रबंधन कॉलोनी के निवासियों को सौंप दिया है, लेकिन ठेकेदार के कर्मचारी अभी भी हस्तक्षेप कर रहे हैं।

 

मामले को न्यायालय में ले जाने की तैयारी

कॉलोनीवासी इस मामले को न्यायालय में ले जाने की तैयारी में है । वहीं प्रशासन को भी अवगत कराया जाएगा।  कॉलोनी के निवासी एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।  कॉलोनी के लगभग 25 से 40 लोगों ने सहमति देकर एक अधिकारी को रिवर व्यू कॉलोनी का अध्यक्ष बना दिया । कॉलोनी के में रहने वाले कॉलोनाइजर के कुछ कर्मचारी इसी कॉलोनी में निवास करते हैं और लोगों ने श्री शर्मा  का और अन्य पदाधिकारी का  विरोध किया और कहा कि हम इस अध्यक्ष को नहीं मानते हैं । इस कॉलोनी में अपने मनपसंद का अध्यक्ष बनना चाहते हैं जो  हमारे इशारे पर चले । कर्मचारियों ने मोबाइल और व्हाट्सएप पर वोटिंग कराई गई जिस पर कॉलोनी में निवास करने वाले एक व्यक्ति को अध्यक्ष बना लिया।  रिवर व्यू कॉलोनी  के एक कर्मचारी जो कॉलोनाइजर का पार्टनर और खास बताता है उसने पूरी कार्यकारिणी को गलत साबित करते हुए अपने मनमर्जी से व्हाट्सएप पर वोटिंग कर ली ‌। समिति का अध्यक्ष बनने का रजिस्ट्रेशन हुआ ही न उसके चुनाव हुए कैसे व्यक्ति वह अपने खाते में पैसे डलवा रहा है यह कानूनी तौर पर गलत है । कॉलोनी के मेंटेनेंस लगभग लाखों रुपए हर माह जमा होता है ।

 

समिति के नियम के अनुसार बहुमत से होता है निर्णय

अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के चुनाव की प्रक्रिया को निर्धारित किया जाता है, जिसमें अक्सर बैठक में मतदान या सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाता है। अक्सर बहुमत से निर्णय लिया जाता है। समिति के वित्तीय प्रबंधन के नियमों को निर्धारित किया जाता है, जिसमें आय-व्यय का लेखा-जोखा और बजट शामिल होता है। समिति की बैठकों के आयोजन और निर्णय लेने की प्रक्रिया को निर्धारित किया जाता है।

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