महाविद्यालय के प्राचार्य ने छीन लिया आठ लोगों का रोजगार

महाविद्यालय के प्राचार्य ने छीन लिया आठ लोगों का रोजगार
जैतहरी महाविद्यालय में महिला प्राचार्य की मनमानी
नियमों का उल्लंघन करते हुए आठ लोगों को किया बेरोजगार
चहेतो को रोजगार बरकरार बाकी लोग हो गए बेकार
अनूपपुर। जैतहरी महाविद्यालय में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारी ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए बताया कि महाविद्यालय में पदस्थ महिला प्राचार्य संगीता ऊईके जब से प्राचार्य का दायित्व संभाली हैं तब से उनकी मनमानी कर्मचारी विरोधी गतिविधि बढ़ती ही जा रही है। नतीजतन स्थिति यह पहुंच गई की महिला प्राचार्य होने का फायदा उठाते हुए कर्मचारियों को अब शब्द कहने के साथ-साथ उन्हें परेशान करना और इसके पश्चात बिना नोटिस के ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। इसके पश्चात परेशान आठ कर्मचारियों ने अपनी समस्या को लेकर अनूपपुर कलेक्टर में शिकायत की है लेकिन शिकायत के बाद भी अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिस कारण से यह सभी बाहर हुए आठ कर्मचारी रोजगार के लिए परेशान है और अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे इस बात को लेकर दर-दर भटक रहे है।
बिना सूचना नोटिस के किया बाहर
बाहर हुए कर्मचारियों ने अपनी शिकायत में बताया कि प्रभारी प्राचार्य के द्वारा बिना सूचना के ही उनको महाविद्यालय से बाहर कर दिया गया है उन्होंने बताया कि वह 9 सितंबर 2024 से महाविद्यालय में निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन जब से प्रभारी प्राचार्य ने अपना दायित्व संभाला है तब से वह लगातार उन सभी कर्मचारियों को परेशान कर रही है और उन्हें बातों ही बातों में मौखिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ-साथ उन्हें बाहर निकालने की धमकी दी जाती थी और दिनांक 30 सितंबर 2025 को मौखिक रूप से प्राचार्य के द्वारा सभी कर्मचारियों को महाविद्यालय में ना आने के लिए मना कर दिया।
कंपनी के कर्मचारियों पर प्राचार्य का दबाव
बाहर हुए कर्मचारियों ने बताया कि हम सब की नियुक्ति उद्यमिता विकास केंद्र भोपाल के द्वारा किया गया लेकिन प्राचार्य अपने कुछ पसंदीदा कर्मचारियों को महाविद्यालय में लगातार सेवाएं देने के लिए अनुमति दे दी हैं लेकिन हम आठ कर्मचारियों को बिना किसी सूचना और करण के ही बाहर कर दिया गया है ना तो हमें किसी प्रकार की सूचना दी गई और ना ही नोटिस दिया गया ऐसे में हमें बाहर करने के पश्चात हमारे सामने परिवार की पूर्ण जिम्मेदारी और अपने परिवार का पालन पोषण करने की समस्या सामने आ खड़ी हुई है।
चहेतो को रखा बाकी को किया बाहर
इतना ही नहीं प्रभारी प्राचार्य ने सार्थक ऐप में कर्मचारियों का डाटा भी डिलीट कर दिया है जिससे वह अपनी ऑनलाइन उपस्थिति भी नहीं दर्ज कर पा रहे हैं साथ ही कर्मचारियो ने बताया कि हम अपना काम पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा के साथ करते आए हैं लेकिन प्रभारी प्राचार्य द्वारा हमें मौखिक रूप से बाहर कर दिया गया उनका कहना है कि आप हमारे यहां के कर्मचारी नहीं हो और मैं यहां प्राचार्य हूं जो चाहूंगी वही करूंगी। आप लोगों को जो करना है जहां शिकायत करनी है आप जाकर कर सकते हैं। वही प्रभारी प्राचार्य के द्वारा लगभग सात कर्मचारियों को अभी भी महाविद्यालय रखे हुए हैं और उनके ऊपर ना तो कंपनी का नोटिस और ना ही प्राचार्य का कोई दबाव है जिससे साफ होता है कि यह प्राचार्य के चहेते हैं या फिर इन पर प्राचार्य का आशीर्वाद बना हुआ है। जब 15 कर्मचारी कंपनी के थे तो फिर आठ कर्मचारी ही बाहर क्यों हुए और सात को क्यों सेवा में रखा गया है।
बाहर हुए ऑठो कर्मचारियों ने 9 सितंबर 2025 को जनसुनवाई के माध्यम से अपना आवेदन भी दिया लेकिन आज दिनांक तक इस पर किसी प्रकार की सुनवाई और कार्रवाई नहीं हुई है जिस कारण से सभी कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान है उनके समक्ष अपने परिवार के पालन पोषण की समस्या खड़ी हो गई है और वह लगातार शासन प्रशासन से अपनी समस्या को लेकर गुहार लगा रहे हैं।
इनका कहना है
मैंने कंपनी को पत्राचार किया था कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया जिस कारण से मैंने इनको बाहर किया है।
संगीता उईके प्रभारी प्राचार्य जैतहरी महाविद्यालय