छुपकर जलाया विजयवर्गीय का पुतला, अनूपपुर कांग्रेस पर सवाल

“छुपकर जलाया विजयवर्गीय का पुतला, अनूपपुर कांग्रेस पर सवाल
– ‘जंगल में मोर नाचा किसने देखा’ बना मज़ाक”
जंगल में मोर नाचा किसने देखा : अनूपपुर कांग्रेस ने चोरी-छुपे किया मंत्री विजयवर्गीय का पुतला दहन
अनूपपुर। देश और प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को विपक्ष की सबसे बड़ी ताकत माना जाता है, लेकिन अनूपपुर जिले की कांग्रेस इन दिनों अपने ही फैसलों के कारण सुर्खियों में है। पार्टी ने दो बार निष्कासित किए गए नेता को बिना औपचारिक वापसी के जिला अध्यक्ष बना दिया। इस तरह का कदम कांग्रेस संगठन के अंदर अनुशासन और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। अपरिपक्व और अनुभवहीन नेतृत्व को सीधे जिला अध्यक्ष बनाना अब संगठन के लिए भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।
इसी बीच मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा शाजापुर में दिये गये विवादित बयान ने आग में घी का काम किया। मंत्री ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर सार्वजनिक मंच से ऐसी टिप्पणी की जिसे कांग्रेस ने भारतीय संस्कृति और लोकतांत्रिक मर्यादा के खिलाफ बताया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विजयवर्गीय को “बेशर्म” कहते हुए बयान की कड़ी निंदा की और पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करने के निर्देश दिये।
इसी कड़ी में शुक्रवार शाम अनूपपुर जिला कांग्रेस ने भी मंत्री विजयवर्गीय का पुतला दहन किया। लेकिन यह विरोध प्रदर्शन चोरी-छुपे और बेहद सीमित दायरे में हुआ। जिला अध्यक्ष श्याम कुमार ‘गुड्डू’ चौहान के नेतृत्व में कुछ चुनिंदा कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय में पहुंचे और वहीं नारेबाजी करते हुए पुतला दहन कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम पर कहावत सटीक बैठती है – “जंगल में मोर नाचा किसने देखा”।
स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम लोगों में इस गुपचुप विरोध को लेकर नाराज़गी देखी गई। उनका कहना था कि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को इतना भी कमजोर नहीं दिखना चाहिए कि वह सार्वजनिक स्थानों की बजाय अपने कार्यालय में ही विरोध दर्ज करे। यदि यह कार्यक्रम किसी प्रमुख चौक या सार्वजनिक स्थल पर किया जाता तो इसका प्रभाव ज्यादा होता और आम जनता में पार्टी की सक्रियता का संदेश जाता।
पार्टी के भीतर से भी यह आवाज़ उठ रही है कि जिला अध्यक्ष की अदूरदर्शिता और संगठनात्मक कमजोरी के कारण विरोध प्रदर्शन का असर फीका पड़ गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों को अधिक योजनाबद्ध, व्यापक और खुला रूप देकर जनता को सीधे जोड़ा जाना चाहिए, ताकि पार्टी की सक्रियता और ताक़त का वास्तविक संदेश जाए।