राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून बनवाने की उठी माँग

सचिन शर्मा की रिपोर्ट पिपरिया :- रोजगार संसद में गूंजा नारा “नफरत नहीं रोजगार चाहिए ,जीने का अधिकार चाहिए” देश मे 60 लाख खाली सरकारी पदों पर भर्ती निकालने की उठी माँग देश की बात फाउंडेशन के मंच पर जुटे 40 से ज्यादा संगठन।
राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून बनवाने की उठी माँग नफरत नहीं रोजगार चाहिए जीने का अधिकार चाहिए पूरा देश करे पुकार रोजगार दो रोजगार, इंकलाब जिंदाबाद।इन नारों से रविवार को पंजतारा प्रांगण में गूंज उठा। मौका था देश की बात फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित रोजगार संसद का । इस रोजगार संसद में जिले भर के संघर्षरत 3 दर्जन से अधिक संगठनों के सैकड़ों प्रतिनिधि एक मंच पर शामिल हुए।देश की बात फाउंडेशन के केंद्रीय प्रभारी अंकित भारद्वाज ने बताया देश में बेरोजगारी की व्यापक समस्या है वर्तमान में देश मे 60 लाख सरकारी पद खाली पड़े है , सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है आज अगर राष्ट्रीय रोजगार नीति होती यह पद खाली नहीं होते , इस समस्या का समाधान सिर्फ राष्ट्रीय रोजगार नीति कानून है ।
पिपरिया में आयोजित इस रोजगार संसद में जिले के 3 दर्जन से ज्यादा संगठनों जैसे, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ, क्रांतिकारी किसान संघ, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ, नेशनल एम्पलॉयड युथ यूनियन ,पूर्व सैनिक संगठन, इंटक,गल्ला मंडी मजदूर संघ,नगर व्यापारी संघ, नागरिक संघर्ष समिति, संकल्प फाउंडेशन, पासा, एस ओ पी, अमृत सेवा समिति, शिक्षक संघ, जन चेतना पत्रकार संघ, डॉक्टर संगठन, जन स्वास्थ्य रक्षक संघ, एक सर्विस मेन एसोसिएशन, एल्डर्स एसोसिएशन, पेंशनर्स संघ, आप ट्रेड विंग ,आप महिला विंग, महिला काँग्रेस, युथ काँग्रेस,जय माता दी समिति, गौ सेवक संघ, वंदे मातरम युथ क्लब, करणी सेना, फ़ोटो ग्राफर संघ, टैन्ट हाउस संघ, आदिवासी, एन जी ओ, आदि संघठनो के प्रतिनिधियों ने रोजगार संसद में बेरोजगारी की ज्वलंत समस्या पर अपनी बात रखी एवं हिस्से दारी ।।
इस कार्यक्रम में आयोजन समिति के हर्षित शर्मा, सचिन शर्मा, विवेक राय, हरीश गोस्वामी, गोविंद दुबे, शास्वत सराठे, आमिर खान, शुभम साहू, राहुल मालवीय, आदि सदस्य मौजूद रहे ।।
सभी संगठनों ने राष्ट्रीय रोजगार नीति के ड्राफ्ट पर सहमति जताते हुए कुछ सुझाव दिए और इसका कानून बनाने की माँग का समर्थन किया ।