संकुल स्तरीय संघों के समग्र क्षमता वर्धन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी

जिला व्यूरो कमल राव चव्हाण:-
नर्मदापुरम। म.प्र.राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला पंचायत नर्मदापुरम अंतर्गत गठित संकुल स्तरीय संघों (सीएलएफ) के पदाधिकारियों की क्षमता संवर्धन एवं संस्थागत विकास के उद्देश्य से श्री प्रतीक राव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी महोदय, जिला पंचायत नर्मदापुरम के निर्देशन में पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 09 जून 2025 से माखन नगर स्थित सामुदायिक प्रबंधित प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित किया जा रहा है, जो दिनांक 13 जून 2025 को सम्पन्न होगा। यह कार्यक्रम वर्तमान में उत्साहपूर्वक और सफलता के साथ संचालित किया जा रहा है, प्रारंभिक चरण में जिले के विकासखंड बनखेड़ी के उन्नति संकुल स्तरीय संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य भाग ले रहे हैं। सभी विषय विशेषज्ञ जिला प्रबंधकों एवं सहायक जिला प्रबंधकों द्वारा श्री आशीष शर्मा जिला परियोजना प्रबंधक के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संकुल संघों की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाना, संस्थागत सुशासन को मजबूत करना, वित्तीय प्रबंधन को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना तथा आजीविका गतिविधियों के क्रियान्वयन को सशक्त बनाना है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को संस्था संचालन, कर्मचारी नीति, योजना निर्माण, आजीविका गतिविधियों का प्रबंधन एवं संचालन तथा रिपोर्टिंग की विधियों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इसके साथ ही वित्तीय समावेशन, सीआईएफ, वीआरएफ, बैंक लिंकेज, ऋण प्रक्रिया एवं ऋण वापसी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी गहन चर्चा की जा रही है। प्रशिक्षण में डिजिटल सशक्तिकरण पर भी विशेष जोर दिया गया है, जिसमें लोकस पोर्टल, एमआईएस जैसी डिजिटल प्रणालियों के उपयोग और डेटा संकलन की प्रक्रिया को समझाया जा रहा है। साथ ही प्रतिभागियों को लखपथी दीदी मॉडल, कृषि सखी, पशु सखी, उत्पादक समूह, किसान उत्पादक कंपनियाँ, नमो ड्रोन दीदी, पीएमएफएमई योजना जैसी आजीविका आधारित पहलों की जानकारी दी जा रही है ताकि वे अपने क्षेत्रों में इन गतिविधियों का सफल संचालन कर सकें। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण में कौशल विकास, रोजगार मेला, आरसेटी प्रशिक्षण, युवाओं का नियोजन और सामुदायिक सहभागिता जैसे महत्वपूर्ण आयामों को भी समाहित किया गया है। प्रतिभागियों को वित्तीय लेखा परीक्षा, लेखांकन प्रक्रिया, बजटिंग तथा सामुदायिक उपार्जन प्रक्रिया की बारीकियों से भी अवगत कराया जा रहा है। यह प्रशिक्षण सहभागिता आधारित पद्धतियों जैसे व्याख्यान, समूह चर्चा, ऑडियो विडिओ , केस स्टडी, प्रजेंटेशन एवं व्यावहारिक अभ्यास के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जिससे प्रतिभागियों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त हो रहा है बल्कि वे व्यवहारिक रूप से भी दक्ष बन रहे हैं। प्रशिक्षण के अंतिम दिवस पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया जायेगा, फीडबैक लिया जाएगा और सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिले के संकुल संघों को संगठित, सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत, समग्र एवं दूरदर्शी प्रयास है, जिसकी सकारात्मक छाप ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अवश्य परिलक्षित होगी।