ग्लोबल फैटी लिवर डे: लाइफ स्टाइल सुधार कर बच सकते हैं अस्पताल से रैली निकाल कर लोगों को किया जागरूक

जिला व्यूरो कमल राव चव्हाण:-
नर्मदापुरम । गुरुवार 12 जून को ग्लोबल फैटी लिवर दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल नर्मदापुरम एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अधिकारी कर्मचारियों द्वारा रैली निकालकर आम जनों को जागरूक किया गया। इस अवसर पर जिला अस्पताल में आए लोगों की फैटी लिवर से संबंधित वजन, ऊंचाई इत्यादि की जांच हुई।
रैली में डॉ आर के वर्मा डीआईओ, डॉ सुनीता कामले सिविल सर्जन, डॉ सुनीता नागेश डीएचओ, डॉ सतीश तिवारी, डॉ संदीप साहू, कविता भोई डीपीएम, सुनील साहू एमपीडब्ल्यू मीडिया प्रभारी, शैलेन्द्र शुक्ला डीसीएम, कविता साल्वे, अनुष्का मालवीय, आलिया रुखसार, सबमरीन खान, पैरामेडिकल स्टॉफ, शहरी आशा कार्यकर्ता सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
नेशनल हेल्थ मिशन मप्र स्वस्थ यकृत (लिवर) मिशन चला है। इसके तहत नर्मदापुरम जिले में अब तक 4498 लोगों की फैटी लिवर की जांच हो गई है और प्रदेश में जिला टॉप 10 में है। मिशन संचालक एनएचएम ने बताया कि 99% लोगों का बीमारी की पहचान से ज्यादा जरूरी जागरूकता है। कमर माप, गर्दन की त्वचा और बीएमआई हमें पहले ही चेतावनी दे सकते हैं।
जेपी अस्पताल भोपाल के एमडी मेडिसिन का कहना है कि महिलाओं में फैटी लिवर का कारण शरीर में चर्बी का असमान वितरण बदलाव और फिजिकल इनपक्टिविटी है। रजोनिवृति के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन कम होता है, जो लिवर को फैट से बचाने का प्राकृतिक सुरक्षा कवच है। थायरॉइड की गड़बड़ी और पीसीओएस जैसी स्थितियां भी फैटी लिवर को बढ़ावा देती हैं।
फैटी लिवर (एनएएफएलडी) तेजी से बढ़ती बीमारी है। मोटापा, खराब दिनचर्या, खानपान से यह खतरा बढ़ा है। रेड जोन में आने वाले लोगों को हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज समेत कई बीमारियों का खतरा दोगुना होता है। यह अभियान खास तौर पर 30 साल से 65 साल तक की उम्र के लोगों के लिए है।
लंबे समय तक बैठने वालों में एनएएफएलडी तेजी से बढ़ रहा है। शुरुआती लक्षण नहीं होने से पहचान देर से होती है। स्वस्थ कमर की माप महिलाओं के लिए 88 सेमी (35 इंच) से कम और पुरुषों के लिए 102 सेमी (40 इंच) से कम होनी चाहिए।