सकल हिंदू समाज नर्मदापुरम द्वारा आतंकवाद के विरोध में विशाल आक्रोश रैली का आयोजन

आनंद कुमार नामदेव


पहलगांव में आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर की थी हिंदुओं की बर्बर हत्या
नर्मदापुरम, 27 अप्रैल 2025 — पहलगाम (कश्मीर) में हाल ही में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हिंदू श्रद्धालुओं को पहचान कर की गई बर्बर हत्या के विरोध में सकल हिंदू समाज नर्मदापुरम द्वारा एक विशाल आक्रोश रैली का आयोजन किया गया सत रास्ता काली मंदिर से सेठानी घाट नर्मदा तट तक निकली गई। इस रैली में नर्मदापुरम के कोने-कोने से हजारों की संख्या में हिंदू समाज के लोग एकत्रित हुए और आतंकवाद तथा पाकिस्तान के खिलाफ अपना तीव्र आक्रोश प्रकट किया।

रैली में उपस्थित सभी संगठनों — व्यापारिक, सामाजिक, साहित्यिक, संगीत क्षेत्र से जुड़े संगठन, मठ-मंदिरों, साधु-संतों और गुरुकुलों से जुड़े प्रतिनिधियों — ने एकजुट होकर आतंकवाद की इस घृणित घटना की कड़ी निंदा की। पूरे वातावरण में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ जैसे नारे गूंजते रहे, जिससे सतरास्ता और आस-पास का इलाका राष्ट्रभक्ति और रोष की भावना से भर उठा।

इस आक्रोश रैली के दौरान पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद का पुतला भी दहन किया गया। पुतला दहन के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने प्रतीकात्मक रूप से पाकिस्तान और वहां के आतंकी नेटवर्क के प्रति अपने गहन आक्रोश और विरोध को प्रदर्शित किया।

रैली का नेतृत्व मातृ शक्तियों द्वारा प्रभावशाली ढंग से किया गया। बड़ी संख्या में महिलाओं की सक्रिय उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि संपूर्ण सनातन समाज आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट है।

वक्ताओं ने अपने उद्बोधनों में पाकिस्तान द्वारा निरंतर आतंकवाद को संरक्षण एवं पोषण देने की कड़ी भर्त्सना करते हुए भारत सरकार से मांग की कि इस घटना का माकूल जवाब दिया जाए। सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से अपेक्षा जताई कि पाकिस्तान और वहां पोषित आतंकवादियों के विरुद्ध कूटनीतिक, राजनीतिक और सैन्य स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

समस्त सनातन धर्मावलंबियों ने पहलगाम में निर्दोष हिंदुओं पर हुए इस अमानवीय, निंदनीय और कायरतापूर्ण हमले की घोर निंदा करते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि अब सहनशीलता की सीमा समाप्त हो चुकी है और भारत की अखंडता, आत्मसम्मान एवं धर्म-सुरक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाना अनिवार्य हो गया है।

यह रैली न केवल नर्मदापुरम बल्कि पूरे भारतवर्ष में हिंदू समाज की एकजुटता, जागरूकता और आतंकवाद के खिलाफ अडिग संकल्प का प्रतीक बनकर सामने आई।

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