पर्यावरण संरक्षण गतिविधि नर्मदापुरम विभाग नर्मदापुरम के जगदीशपुरा में मातृ सकती द्वारा भूमि सुपोषण अभियान अंतर्गत पूजन सम्पन्न किया

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि नर्मदापुरम द्वारा भूमि सुपोषण अभियान का शुभारंभ
जगदीशपुरा, नर्मदापुरम: पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, नर्मदापुरम विभाग के अंतर्गत भूमि सुपोषण अभियान का शुभारंभ राम नवमी के पावन अवसर पर जगदीशपुरा में मातृशक्ति के द्वारा संपन्न हुआ। इस अवसर पर माटी, गंगाजल, तुलसी जी एवं गौमाता का विधिवत पूजन कर उनके संरक्षण का संकल्प लिया गया।
इस पावन अवसर पर स्थानीय मातृशक्ति—श्रीमती बीना नामदेव, हेमवती व्यास, भारती नामदेव, शकुन जैन, मधु सहारिया, आशा नामदेव एवं रेखा नामदेव—ने श्रद्धा एवं भावपूर्वक पूजा-अर्चना की। सभी ने मिलकर मिट्टी, गंगाजल, तुलसी एवं गौमाता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए पर्यावरण, खेती एवं परंपराओं के संरक्षण हेतु सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवक बंधु, भगिनी एवं युवा शक्ति पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों—जैसे वृक्षारोपण, जल संरक्षण-संवर्धन, नर्मदा, कुएं, बावड़ियों एवं जल स्रोतों की स्वच्छता व पुनर्जीवन, पॉलीथिन मुक्त भारत, अपशिष्ट प्रबंधन तथा नर्मदांचल कार्य योजना—में सतत रूप से जुटे हुए हैं। घाटों की समितियों द्वारा नित्य आरती, पूजा-पाठ, स्वच्छता एवं अविरल प्रवाह हेतु प्रयास किए जा रहे हैं।
संघ की प्रेरणा से गुड़ी पड़वा (हिंदू नववर्ष) से अक्षय तृतीया तक “भूमि सुपोषण अभियान” चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य हमारी वसुंधरा को हरी-भरी, उपजाऊ, कीटनाशक रहित बनाना तथा वन संपदा, कृषि भूमि, वृक्ष एवं गौमाता का संरक्षण कर सनातन परंपरा को सजीव बनाए रखना है।
राम नवमी के विशेष अभियान के अंतर्गत ग्राम-ग्राम एवं नगर-नगर में अधिकाधिक स्थानों पर इस अभियान के आयोजन का आह्वान किया गया है। इसके अंतर्गत मंदिरों, देवालयों एवं संस्थाओं में खेत की मिट्टी लाकर मंत्रोच्चारण के साथ कलश पूजन, भजन-कीर्तन, भूमि सुपोषण विषयक वक्तव्य, प्रसाद वितरण एवं एक-एक मुट्ठी मिट्टी को वापस खेतों में डालने की सेवा गतिविधियाँ सम्पन्न की जाती हैं।
यह सेवा कार्य पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के माध्यम से संचालित हो रहा है, जिसका उद्देश्य सनातन संस्कृति की रक्षा करते हुए भावी पीढ़ी को समृद्ध पर्यावरण एवं परंपरा से जोड़ना है।

