अधिक उत्पादन के चक्कर हमने तीनो माँ की स्वास्थ्य ख़राब की है – सर्वग्य दीवान

रिपोर्टर:- राजकुमार पटेल
गोविंदनगर । कृषि विज्ञान केंद्र, गोविंदनगर में भूमि सुपोषण एवं संरक्षण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को भूमि की उर्वरता बनाए रखने, सतत कृषि पद्धतियों को अपनाने और मृदा संरक्षण तकनीकों की जानकारी प्रदान करना था। कार्यक्रम की शुरुआत किसानो द्वारा लाये गए एक-एक मुट्ठी मिटटी की पूजन क़ृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर के प्रभारी डॉ. संजीव कुमार गर्ग एवं उनकी धर्मपत्नी डॉ. उपमा रावत द्वारा की गई |
कार्यक्रम मे मंचाशीन अतिथि के रूप मे भारतीय किसान संघ प्रांतीय अध्यक्ष सर्वग्य दीवान, विवेक माहेश्वरी, संतोष पटेल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दीवान ने भूमि संरक्षण और पोषण के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लगातार रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग और अनियंत्रित जल उपयोग के कारण भूमि की उर्वरता प्रभावित हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने जैविक खाद, हरी खाद, फसल चक्र अपनाने और मृदा परीक्षण के महत्व पर बल दिया। यदि हम जैविक खेती नहीं अपनाते तो अधिकतम आय डॉक्टर के पास जाएगा। हमने मूल क़ृषि पद्धती को भुलाकर रासायनिक खाद को अपनाया जिसका परिणाम हमारे सामने है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। किसानों ने अपनी खेती में आ रही समस्याओं को साझा किया, जिनका समाधान कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। इस दौरान किसानों को मृदा परीक्षण की विधि और उसके महत्व पर भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा किसानों को भूमि संरक्षण और उर्वरता बढ़ाने के किसानों से सतत कृषि पद्धतियों को अपनाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में किसान बंधु, न्यास सह सचिव केशव माहेश्वरी, विद्यालय समिति के अध्यक्ष अनिल बारोलीया एवं कृषि विज्ञान केंद्र के स्टाफ उपस्थित रहे |
इस कार्यक्रम से किसानों को अपनी भूमि को अधिक उर्वर और उत्पादक बनाने की दिशा में नए और प्रभावी उपायों की जानकारी मिली, जिससे वे अपनी खेती को अधिक लाभकारी और पर्यावरण अनुकूल बना सकें।
कार्यक्रम के अंत मे डॉ. गर्ग जी ने आभार व्यक्त किये।