कायस्थ महासभा ने जलाई गोबर के कंडे की होली, पेड़ों के संरक्षण और पर्यावरण का दिया संदेश

जिला व्यूरो कमल राव चव्हाण:-
नर्मदापुरम वो भी एक वक्त था जब होली पर हरे भरे पेड़ों को काटकर जला दिया जाता है लेकिन पेड़ों का संरक्षण और पर्यावरण की चिंता ने समाज को जागरुक कर दिया है। इसी जागरुकता के परिणामस्वरूप अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने गोबर के कंडे की होली जलाई और पेड़ों को बचाने का सराहनीय कार्य किया। समाज में पर्यावरण और पेड़ों के संरक्षण के लिए जागरूक भी किया।
समाज की ओर से हर साल बड़े-बड़े कंडों की ठेप बनाकर होली जलाई जाती है । यह शहर में एक आकर्षण का केंद्र रहती है । बता दें कि प्रतिवर्ष अनुसार स्थानीय कोरीघाट चित्रगुप्त मंदिर के सामने अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के महिला मंडल द्वारा होली के दिन गोबर के कंडे एकत्रित करके उनकी होलिका बनाकर होलिका दहन किया जाता है । बीती रात आसपास के क्षेत्र से सामाजिक महिलाओं ने कंडे एकत्र किए और होलिका दहन किया। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की वरिष्ठ संरक्षक श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, डॉ राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव एवं सचिव सुमन वर्मा , शीतल श्रीवास्तव श्रीमती सारिका सक्सेना श्रीमती रश्मि वर्मा, केशव देव वर्मा लालदा प्रसाद अदित्य, गुनगुन खरे, अदिति वर्मा,जिला उपाध्यक्ष श्रीमती प्रीति खरे ने बताया कि हम हर वर्ष गोबर के कंडे इकठ्ठे करते हैं और फिर होली के दिन इसकी पूजन कर होलिका दहन किया जाता है । हमने शहरवासियों से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा गोबर के बने कंडे से ही होली दहन करना चाहिए । यह अच्छा कार्य रहता है। गौ माता के गोबर से बने कंडे से होलिका दहन करने से शुद्धिकरण और वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है । सुबह जब इसकी अंगार निकलते हैं तो घरों में लोग कंडे की आग ले जाकर अपने घर में चूल्हे में इससे खाना पकाने का काम भी करते हैं ।