अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का प्रेरणादायक प्रयास- मां नर्मदा को निर्मल बनाने सेठानी घाट पर लगातार चल रहा सफाई अभियान
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जिला व्यूरो कमल राव चव्हाण:-
नर्मदापुरम । प्रसिद्ध सेठानी घाट पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा द्वारा हर रविवार सफाई अभियान चलाया जा रहा है। समाज ने जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। इस अभियान का नेतृत्व महासभा के अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव और जिला उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता प्रीति खरे ने किया। सफाई अभियान में समाज के नपा उपाध्यक्ष अभय वर्मा, विजय वर्मा, अशोक वर्मा,सी बी खरे, केशव वर्मा, प्रदीप श्रीवास्तव, चेतन वर्मा, प्रीति खरे, ऊषा वर्मा, ईरा वर्मा, ज्योति वर्मा, सोनिया श्रीवास्तव, ख्याति सक्सेना, शीतल श्रीवास्तव, सारिका सक्सेना, हर्षा वर्मा सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
समाज के अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि समाज के अलावा अन्य लोग भी सफाई अभियान में बढ़ चलकर हिस्सा ले रहे हैं । हम इस नर्मदा परम को सफाई में इंदौर की तर्ज पर बढ़ाने का मिशन चला रहे हैं। घाटों पर सफाई अच्छी हो जिससे बाहर से आने जाने वाले श्रद्धालु भी नर्मदा पुरम के घाट की और शहर की सफाई से खुश हों।
सफाई अभियान के दौरान घाट पर जमा मलबे, कचरे और कूड़े को इकट्ठा कर डस्टबिन में डाला गया। सीबी खरे ने कहा कि घाट की सीढ़ियों पर जमे कचरे को भी हटाया गया, जिससे स्नान करने वालों को किसी दुर्घटना का सामना न करना पड़े। इस बार विशेष रूप से सीढ़ियों और सीढ़ी किनारे की गहराई तक सफाई की गई, जिससे न केवल घाट की सुंदरता बढ़ी, बल्कि नर्मदा जल की शुद्धता बनाए रखने का प्रयास किया।
चेतन वर्मा ने कहा कि
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल सफाई करना था, बल्कि लोगों को यह जागरूक करना भी है । समाज ने डिटॉल, साबुन, सर्फ और अन्य रसायन युक्त उत्पादों का उपयोग न करने की सलाह दी गई। ये केमिकल युक्त उत्पाद न केवल पानी को प्रदूषित करते हैं, बल्कि नदी में रहने वाले जीव-जंतुओं, विशेषकर मछलियों के जीवन को भी खतरे में डालते हैं।
केशव वर्मा ने कहा कि
अभियान में शामिल सभी सदस्यों ने नर्मदा नदी को स्वच्छ और सुरक्षित रखने का प्रण लिया।
समाज की पदाधिकारी हर्ष वर्मा ने कहा यह अभियान न केवल महासभा के सदस्यों का प्रयास है, बल्कि स्थानीय निवासियों का भी समर्थन इसे सफल बना रहा है। साफ सफाई से हमें मां नर्मदा को निर्मल कोमल बनाना है।
ईरा वर्मा ने कहा कि इस तरह के प्रयास केवल सफाई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये समाज में पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता का संदेश भी फैलाते हैं। नर्मदा नदी, जिसे जीवनदायिनी माना जाता है, उसकी स्वच्छता बनाए रखने के लिए यह पहल अत्यधिक सराहनीय है।