भाजपा में आपसी कलहो के बाद अपना अस्तित्व तलाश रही कांग्रेस में बाहरी प्रत्याशी को टिकट न देने के लिए शुरू हुई गुटबाजी, बाहरी प्रत्याशी को टिकट न देने के लिए लामबंद हुए क्षेत्रीय कांग्रेसी

संवाददाता विकास गौतम पिपरिया जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे सभी दलों में उठक पटक दिखाई देने लगी है भाजपा में आपसी मतभेदों के चलते गुटबाजी दिखाई पड़ रही है विरोधी गुट वर्तमान विधायक की टिकट कटवाने पर उतारू है तो वही कांग्रेस में कुछ दिनों से हवा बनी हुई है कि मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति के सदस्य गुरुचरण खरे पिपरिया विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं जिसके बाद क्षेत्रीय कांग्रेसी बाहरी प्रत्याशी को टिकट ना देने के लिए लामबंद दिखाई पड़ रहे हैं इस पर राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कई चुनाव में यह देखा गया है कि कांग्रेस में किसी एक प्रत्याशी को टिकट मिलने के बाद बाकी के इच्छुक प्रत्याशी विरोधी ट्रैक पर चले जाते हैं एवं पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ता है इसलिए इसकी प्रबल संभावनाएं हैं की कमलनाथ अपने व्यक्ति को छिंदवाड़ा जिले से लगी पिपरिया विधानसभा से उतार सकते हैं जिससे समस्त कॉन्ग्रेसी उनके व्यक्ति का काम करेंगे परंतु जिस प्रकार क्षेत्रीय कांग्रेसी विरोधी स्वर अपनाए हुए हैं उससे लगता है कि कमलनाथ का यह दाव उल्टा ना पड़ जाए एवं भाजपा में उपजे आपसी मतभेदों के चलते इन दोनों दलों के अलावा कोई तीसरा बाजी मार जाए, हालांकि यह देखने वाली बात होगी सभी दलों के आलाकमान किसको टिकट देते हैं